Tuesday, July 20, 2010

रूपांतरण /// TRANSFORMATION


दोस्तों , आप सबको मेरा नमस्कार .. पिछले दिनों मेरा accident  हो गया था , तथा  कुछ और कारणों से भी मैं बहुत दिनों तक ब्लॉग की दुनिया से दूर रहा . आप सबसे क्षमा मांगते हुए , मैं अपनी नयी कविता आप सबको समर्पित करता हूँ . ये कविता मैंने कल बारिश में भीगते [ नाचते ] हुए लिखी .... बहुत दिनों  के बाद मन बहुत शांत हुआ और वर्षा की इस शाम में ही इस कविता का जन्म हुआ .. पहले जो बोल मन में आये वो अंग्रेजी  में  थे , इसलिए पहले ये कविता English  में लिखी और बाद में आज उसे हिंदी में लिखी ..मेरे एक मित्र जानां का भी इस कविता के जन्म के लिए बहुत योगदान रहा ..... मैं बहुत दिनों बाद फिर से ब्लॉग की दुनिया में अपनी इसी कविता के साथ उपस्थित हो रहा हूँ.. हमेशा की तरह आप सबका प्यार और आशीर्वाद मुझे मिले , यही कामना है , और प्रभु आप सबके जीवन को खुशियों से भरे.. यही मंगलकामना है .. 


TRANSFORMATION

Standing alone in the evening of heavy rains …..
And looking upwards to the dark sky…
With full of storming thunders,
And many dark clouds around...

I started Praying for more and more
Of such lashes of heavy rain,
On my body, on my mind and on my soul;
So that it could wash away my past …..
It could wash away all my unknowingly sins…
It could wash away my baseless ego….
It could wash away my useless anger….
It could wash away my earthly beliefs….
It could wash away my wrongdoings ….
It could wash away ME …..

I am looking to GOD….
Like a baron infertile land ……
Waiting for ages for the misty drops …
Drops of love…
Drops of harmony…
Drops of life…..
Drops of laughter …
Drops of joy...
Drops of bliss …

Let me begin again a new dawn of life
After this heavy night of rain ….
With a whispering sound of fresh air...
With a glittering vision for the road ahead,
And with a zest for the life, which I never lived.

O GOD, please transform me again into a new child
Again Full of strength, full of laughter and full of joy,
O GOD, please bless me again
For a new life……

रूपांतरण

एक भारी वर्षा की शाम में अकेले भीगते हुए  ... ..
और अंधेरे आकाश की ओर ऊपर देखते हुए ..

जो की भयानक तूफ़ान के साथ गरज रहा था
और .. आसपास कई काले बादल भी
छाए हुए थे

मैंने प्रभु से प्रार्थना करना शुरू कर दिया की ;
अधिक से अधिक ,ऐसी  भारी बारिश के थपेड़ो पड़े ..
मेरे शरीर पर, मेरे मन और मेरी आत्मा पर;

और यह बारीश ऐसी हो की मेरा अतीत धुल जाए . ..
मेरे सभी वो पाप ,
जो मैंने अनजाने में किये हो ,वो भी बह जाए  ...
यह तेज़ बारिश मेरे निराधार अहंकार को पिघला दे
और साथ में ही मेरे क्रोध को भी ख़त्म कर दे , हमेशा के लिए
साथ ही  मेरी सांसारिक विश्वासों
और धारणाओ को भी ये मिटटी में मिला दे
हे प्रभु जो भी गलत काम मुझसे हुए हो ,
ये वर्षा उन्हें मिटा दे .


मैं भगवान की ओर बड़े ही उम्मीद से देख रहा हूँ ...
एक निर्धन बांझ भूमि की तरह ... ...
और एक  लम्बी उम्र से ;
ऐसी ही बारीश की प्रतीक्षा कर रहा हूँ  ..
जो जीवन की बूंदों से मुझे भर दे
जो प्यार की बूंदों से मेरी आत्मा को तृप्त कर दे
जो सदभाव की बूंदों से मेरा संसार को भर दे ..
ये वर्षा मेरे भीतर भर दे हंसी को और खुशियों को
और एक पवित्र , परम आनंद से मैं भर जाऊं ..


बारिश के इस भारी रात के बाद ....
मैं फिर से जीवन की एक नई सुबह शुरू  कर सकू ..
जिसमे ताज़ी हवा हो एक मीठी फुसफुसाहट की ध्वनि के साथ
और मिले मुझे एक शानदार दृष्टि ;
जिसके कारण मैं अपने भविष्य की सड़क को देख सकू.
और जी सकू एक सुन्दर जीवन ;
जो की मैं  कभी भी नहीं जी सका .


हे भगवान, कृपया मुझे फिर से आशीर्वाद  दे, एक नए जीवन के लिए ... ...
हे भगवान, कृपया मुझे एक नए बच्चे में फिर से बदल दे
ताकि ,मैं फिर से उल्लाहास , जीवन , आनंद और  गति से भर जाऊं.


 

Saturday, July 17, 2010

I , ME AND MYSELF......

There is no past and no future , whatever is there , it is only the present ...the moment .. the drop of life .. the bliss of soul...the blessings of GOD....the being ...the ME... and I am living every moment of my life with Music , books, and good friends like you... Thanks for being my friends. I cherish the memories...I will soon comeback after the shoulder enjury ...soon ..very soon !!! That's my promise to me and you all.

एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता

घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...