Tuesday, November 18, 2008

तू

मेरी दुनिया में जब मैं खामोश रहती हूँ ,
तो ,
मैं अक्सर सोचती हूँ,
कि
खुदा ने मेरे ख्वाबों को छोटा क्यों बनाया ……

एक ख्वाब की करवट बदलती हूँ तो;
तेरी मुस्कारती हुई आँखे नज़र आती है,
तेरी होठों की शरारत याद आती है,
तेरे बाजुओ की पनाह पुकारती है,
तेरी नाख़तम बातों की गूँज सुनाई देती है,
तेरी बेपनाह मोहब्बत याद आती है .........

तेरी क़समें ,तेरे वादें ,तेरे सपने ,तेरी हकीक़त ॥
तेरे जिस्म की खुशबु ,तेरा आना , तेरा जाना ॥
अल्लाह .....कितनी यादें है तेरी........

दूसरे ख्वाब की करवट बदली तो ,तू यहाँ नही था.....

तू कहाँ चला गया....

खुदाया !!!!

ये आज कौन पराया मेरे पास लेटा है........

1 comment:

  1. kya aisa bhi hota hai..............??

    aisi yadin,aise khwaab.......
    ko ek pal ki khushi ke liye hote hain .....
    aur karwat badalte hi sab kuch khatm....
    wo pyar ko hi ek pal mai paraya kar diya jis pyar ko khwabon mai sajaya tha,,,

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